शनि देव की प्रार्थना कैसे करें | shani dev ki puja kaise kare
यह एक उत्कृष्ट पूजा पद्धति है जो अधिकांश हिन्दू परिवारों द्वारा अनुसरण की जाती है। नीचे दी गई स्तोत्र, श्लोक और मंत्रों का इस्तेमाल करके आप अपनी पूजा को शुरू कर सकते हैं:
दीपक जलाना: दीपक जलाकर, आप आत्मा की प्रकाश और दिव्यता का प्रतीक बनाते हैं। आप एक दीपक ले और उसे जला लें। जब दीपक जले, तो आप ईश्वर के सामर्थ्य और आपके जीवन की प्रकाशमयता की प्रार्थना करें। गणेश जी की प्रार्थना: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ (श्री गणेश मंत्र) शनिदेव को काले तिल अर्पित करना: ॐ शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु नः॥ (श्री शनि गायत्री मंत्र) हनुमान और भगवान शिव को फूल चढ़ाना: ॐ हनुमते नमः॥ (श्री हनुमान मंत्र) ॐ नमः शिवाय॥ (शिव मंत्र) शनि गायत्री मंत्र का जाप: ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥ उपरोक्त मंत्रों को एक्कीस बार जपें। यदि संख्या बढ़ानी हो तो उपयुक्त आवश्यकतानुसार बढ़ा सकते हैं। इस पूजा के अंत में आप अपनी इच्छानुसार और अपने परिवार की परंपरा के अनुसार और भी अनेक धार्मिक क्रियाएं कर सकते हैं, जैसे कि आरती, स्तोत्र पाठ, भजन गायन, और प्रसाद वितरण। ध्यान रखें कि ये तरीके मात्र एक साधारण दिशा-निर्देश हैं और व्यक्तिगत आपकी प्राथना और धार्मिक आनुयायी क्रियाएं हो सकती हैं।
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